الْبَقَرَة
Al-Baqarah
The Heifer
Surah Al Baqarah in Hindiसूरह अल-बाकराह हिंदी में निम्नलिखित रूप में है:
सूरह अल-बाकराह (गाय का बच्चा)
१. आयत १:अलिफ़ लाम मीम। (यह किताब जिसके बारे में कोई संदेह नहीं है) यह एक गाइडेंस (मार्गदर्शिका) है जो उस लोगों के लिए निर्मित हुई है जो ईमान लाते हैं।
२. आयत २०२:जब कोई तुम्हें कोई आयत प्रदान करे तो उसकी अहमियत को बातिल न करो। अगर तुम खुद को इन आयतों का बहाना बनाओगे तो तुम पाप करोगे।
३. आयत २५५:अल्लाह! उसके सिवा कोई ईबादत योग्य नहीं है, जो जीवित और स्थितिकर्ता है। उसके आसमानों और ज़मीन पर जो कुछ है, सब उसी का है। कौन है जो उसकी इजाज़त के बिना उसके सामर्थ्य से उसकी इजाज़त के बिना शिफ़ा'त कर सके? वह उनके सामने जो कुछ है, उसका जानने वाला है। उनका कुर्सी आसमानों और ज़मीन पर फैला हुआ है, और उनके रखवाली में कोई थकावट नहीं होती, और वह उच्चतम है, महान है।
४. आयत
२६०:जब इब्राहिम ने कहा, "हे मेरे रब! मुझे मरने के बाद कैसे जिन्दा करेंगे?" तो उसने कहा, "क्या तू नहीं मानता?" तो उसने कहा, "हां, लेकिन तब तक जब तक मैं दिखलाता हूँ तुझे कैसे जिन्दा करेंगे?" तो उसने खुदा ने कहा, "क्यों तू विश्वास नहीं करता?" तो उसने कहा, "मैं तो जरूर विश्वास करूँगा, लेकिन मेरे मन को शांत करने के लिए।"
५. आयत २७२:तुझे यह नहीं चाहिए कि तू उन्हें सिद्ध करे, बल्कि तू उन्हें अज्ञात चीजें सिद्ध करे जिन्हें तू नहीं जानता। और तू को यह नहीं चाहिए कि तू उन्हें सिद्ध करे जिन्हें तू जानता है।
ये केवल कुछ चुनिंदा आयतें हैं जो सूरह अल-बाकराह में हैं। पूरी सूरह में और भी बहुत सारी आयतें हैं जो विभिन्न विषयों को संदर्भित करती हैं। आपकी जानकारी के लिए यहां पूरा सूरह अल-बाकराह हिंदी में उपलब्ध नहीं है, लेकिन आप इसे किसी कुरान तर्जुमा या वेबसाइट से पढ़ सकते हैं
Surah Baqarah last 2 ayat in hindi
सूरह अल-बाकराह की आख़िरी दो आयातें हिंदी में इस प्रकार हैं:
"अल्लाह इंसान को उसकी संभावना से ज्यादा बोझ नहीं देता। जो अच्छा कर्म वह करता है, उसे उसका इनाम मिलेगा और जो बुरा कर्म करता है, उसे उसकी सजा मिलेगी। हे हमारे रब! अगर हम भूल जाएं या भ्रम में पड़ जाएं तो हमें सजा न देना। हे हमारे रब! हम पर उसी तरह का बोझ न डालो जैसा तूने पहले लोगों को डाला था (यहूदी और ईसाई); हे हमारे रब! हम पर उससे ज्यादा बोझ न डालो जिसे हम न उठा सकें। हमें माफ कर और हमें क्षमा दे। हमारे पालनहार तू ही है, हमें दुश्मनों पर विजय प्रदान कर।" (क़ुरान 2:286)
Surah Baqarah hindi translation
सूरह अल-बाकराह कोरान के दूसरे सूरह है और इसका हिंदी में अनुवाद निम्नलिखित है:
"अल्लाह किसी इंसान को उसके संभाव्यता से ज्यादा नहीं बोझ देता। जो अच्छा कर्म उसने किया है, उसके लिए उसे इनाम मिलेगा, और जो बुरा कर्म उसने किया है, उसका प्रतिफल उसे मिलेगा। हे हमारे प्रभु! अगर हम भूल जाएँ या भ्रम में पड़ जाएँ, तो हमें दण्ड न दो; हे हमारे प्रभु! हम पर उन लोगों के जितना बोझ मत डालो, जो हमसे पहले थे (यहूदी और ईसाई); हे हमारे प्रभु! हम पर उस से अधिक बोझ मत डालो, जिसे हम उठा सकें। हमें माफ करो और हमें क्षमा दो। हम पर रहम करो। तुम हमारे पालक, सहायक और संरक्षक हो। और हमें काफिरों के खिलाफ विजय प्रदान करो।" (क़ुरान 2:286)
ये आयतें इस्लामी धर्म की मुख्य पुस्तक क़ुरान के सूरह अल-बाकराह के अंतिम दो आयतें हैं। इन आयतों में दिव्य न्याय और दया की अवधारणा पर बल दिया गया है। यह बताते हैं कि अल्लाह किसी व्यक्ति क
ो उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं देता है, और कर्मों के अनुसार उसे इनाम दिया जाता है या सजा दी जाती है। इन आयतों में अल्लाह से कर रहे अपेक्षा हैं, उनकी क्षमा, दया और सहायता की मांग की जाती है, साथ ही यही मांग की जाती है कि उन्हें अपने सामर्थ्य से अधिक कठिनाइयों का सामना न कराया जाए।
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Surah Baqarah tarjuma in hindi
सूरह अल-बाकराह का हिंदी में तर्जुमा निम्नलिखित है:
सूरह अल-बाकराह (गाय का बच्चा) द्वितीय और सबसे लंबा सूरह है। इस सूरह में उम्मत के लिए बहुत सारे नियम, नसीहत और कहानियाँ दी गई हैं। यह सूरह 286 आयतों से मिलकर बनी हुई है। इस सूरह में तौहीद, ईमान, नमाज, रोज़ा, जकात, हज्ज, जिहाद, सदक़ात, रास्ते में आने वाले बाधाएं आदि के बारे में बताया गया है। इसके आख़िरी दो आयतें निम्नलिखित हैं:
आयत 285:
"आमना तो इस परवरदिगार की किताब में जो हमें नगवाने के लिए नाज़िल हुई है और जो पहले में नाज़िल हुई किताबों की पुष्टि करती है। तुझे अगर हमारे रब पर यकीन हो तो हमें समझाने के लिए इसमें उचित वक़्त ले ले और हमें तेरे पास ले चला जा। तू ही हमारे परवरदिगार है।"
आयत 286:
"हे हमारे परवरदिगार! हमें बोझ उठाने से पहले उसे हम पर न डाल, जैसा तूने उसे पहले के लोगों पर डाला था। हे हमारे परवरदिगार! ह
म पर उस से ज्यादा बोझ न डाल, जिसे हम उठा न सकें। हमें माफ कर और हमें बख़्श दे और हमारी तरफ़ रहम कर। तू हमारा रखवाला है, हमें काफिरों पर विजय प्रदान कर।"
यहां प्रस्तुत किया गया है सूरह अल-बाकराह का हिंदी में एक सारांशिक तर्जुमा है। कृपया ध्यान दें कि इसका अनुवाद उपायुक्त हो सकता है और सूरह का पूरा अर्थ एक पूर्ण तथ्यों और पाठ्यक्रम के आधार पर समझा जाना चाहिए।
Surah Baqarah ki fazilat in hindi
सूरह अल-बाकराह की फज़ीलत हिंदी में निम्नलिखित है:
सूरह अल-बाकराह कोरान की सबसे लंबी सूरह है और इसकी फज़ीलत बहुत महत्वपूर्ण है। यह सूरह में बहुत सारे नियम, नसीहत, कहानियाँ और उम्मत के लिए महत्वपूर्ण संदेश शामिल हैं। कुछ मुख्य फज़ीलतें इस प्रकार हैं:
1. रोज़ादारों की हिफाज़त: सूरह अल-बाकराह में बताए गए हक़म और नसीहत रोज़ादारों को अपने रोज़े की हिफाज़त और पवित्रता पर ध्यान देने की सलाह देते हैं।
2. ईमान की बढ़ती ताकत: सूरह अल-बाकराह में ईमान के महत्वपूर्ण सिद्धांतों, अल्लाह की कृपा और अधिकारों के विषय में चर्चा होती है, जो ईमान को मजबूत बनाने में मदद करती है।
3. धार्मिक विचारों की समझ: सूरह अल-बाकराह में कई कथाएं, हक़म और नसीहत हैं जो धार्मिक विचारों को समझाने और उम्मत को सही राह पर चलाने में मदद करती हैं।
4. शैतान के विरुद्ध रक्षा: सूरह अल-बाकराह में शैतान के ख
़िलाफ़ लड़ाई, उसके वास्तविकता, दुष्टता और उसके द्वारा उम्मत पर डाले जाने वाले विचारों का वर्णन है। इससे लोगों को शैतान के विपरीत आचरण की समझ होती है और उन्हें उससे बचने की सीख मिलती है।
सूरह अल-बाकराह की फज़ीलत के अलावा यह भी माना जाता है कि इसका पठन और समझने से अच्छी ख़ुशियाँ, बरकतें और दिव्यता मिलती हैं।