Surah Duha in Hindi - Read Quran Online

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सूरह दुहा उस क़ुरानी सूरह का नाम है जो इस्लामी पवित्र क़ुरान में मौजूद है। यह तीसरी सूरह है और इसमें 11 आयातें हैं। दुहा एक मक्की सूरह है, जिसका अर्थ है 'प्रकाशकाल' या 'धुप'। इस सूरह के संदेशों में धैर्य, आशा और शुक्रिया के भाव को बढ़ावा दिया गया है। यहां हिंदी में सूरह दुहा के मुख्य संदेश दिए गए हैं:

आयत 1-4: इस सूरह का प्रारंभ किया जाता है जो कहता है कि अल्लाह की कृपा से तू निराश न हो, उसने तुझसे रूठकर नहीं छोड़ा और तुझे नुकसान नहीं पहुंचाया।

आयत 5-6: जीवन में दुःखों और अधिकारियों की कठिनाइयों के बावजूद, तू निराश न हो, क्योंकि आने वाले दिनों में तुझे ख़ुशियाँ मिलेंगी।

आयत 7-8: याद रख कि तेरे रब ने तुझे पहले बिना किसी सहायता के नहीं छोड़ा, और फिर फज़ल से तुझे सजाकर ख़ूबसूरत बनाया।

सूरह दुहा में इस्लामी संदेशों में सहनशीलता, उम्मीद, आत्म-विश्वास, और धन्यवाद के भाव को बढ़ावा दिया गया है। इससे मानवजाति को जीवन में समृद्धि और सकारात्मकता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

वद दुहा
वल लैलि इजा सजा
मा वद दअका रब्बुका वमा क़ला
वलल आखिरतु खैरुल लका मिनल ऊला
व लसौफ़ा युअतीका रब्बुका फतरदा
अलम यजिद्का यतीमन फआवा
व वजदाका दाललन फ हदा
व वजदाका आ इलन फअग्ना
फ अम्मल यतीमा फ़ला तक्हर
व अम्मस सा इला फ़ला तन्हर
व अम्मा बि निअमति रब्बिका फ हददिस 

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Surah Duha Transalation in Hindi (हिंदी अनुवाद)

बिस्मिल्लाहिर रह्मानिर रहीम

[१] धापहरी और उसकी सुंदरता के समय के रब की पकवानहारी।
[२] तू निराश न कर जो तुझसे नाराज़ आया और सुना कि वह कहां: "बिछड़ मत जा और जो मंगा, उसे ख़ुल्ला कर!"।
[३] और राब ने तुझे नहीं छोड़ा और न नापाक किया।
[४] और जीवन में भी तू नहीं दु:खी।
[५] और आने वाले जीवन में तुझे बड़ी ख़ुशी मिलेगी।
[६] क्या तूने देखा कि जिस तरह से तेरे रब ने बग़ैर राहत दिया।
[७] और फिर फज़ल से तुझे ख़ूबसूरत किया।
[८] और तेरे रब की महिमा का जिक्र कर।

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