Surah Lahab (सूरह लाहब) इस्लामी धर्म के पवित्र किताब, कुरान-ए-मजीद में स्थित है। यह कुरान की 111वीं सूरह है और उसमें 5 आयातें हैं। यह सूरह मक्की सूरह है, जिसका मतलब है कि यह प्रोफ़ेसर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के मक्की अवसरों में उतारी गई थी। सूरह लाहब एक छोटी सी सूरह है, लेकिन इसमें गहरा संदेश और महत्व है।
इस सूरह का प्रमुख विषय ख़बरदारी (चेतावनी) देना है। इसमें आपत्तिजनक शख्स (अबू लाहब) के विरुद्ध चेतावनी दी गई है, जो इस्लाम के लिए शक्तिशाली दुश्मन थे। इस सूरह में उनके दुष्मनी और असहायता का वर्णन किया गया है और उन्हें आग की जहन्नम की सजा के लिए धार्मिक संदेश दिया गया है।
Read Surah Lahab Hindi Language
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. तब्बत यदा अबी लहबिव वतब्ब
2. मा अगना अन्हु मलुहू वमा कसब
3. सयसला नारन ज़ात लहब
4. वम रअतुहू हम्मा लतल हतब
5. फिजीदिहा हब्लुम मिम मसद
Also Read : Surah Duha Hindi
Read Surah Lahab Translation
सूरह लाहब का अनुवाद इस प्रकार हो सकता है:
वयस्त अबू लाहब के दोनों हाथों की फली का ताबी और वो अपने आप को समृद्धि में बढ़ानेवाले हैं।
वो नाकाम हो जाएंगे और नाकाम होंगे।
उनके धन और जो कुछ भी उन्होंने इस दुनिया में अर्ज़ी में लिया, सब व्यर्थ हो जाएगा।
और फिर उसमें आग की जहन्नम की लपट जलेगी।
और उनकी पत्नी, जिसने भी लकड़ी की तारीकी उठाई थी, जिसमें उसे नीचावर्गी चीजें लाई थीं।
वो और उसके साथियों के लिए जलाने के लिए एक तार की जाल बनाएगा।