"इन्ना आंज़लना सूरह" उर्दू और अरबी में "إِنَّا أَنزَلْنَاهُ فِي لَيْलَةِ الْقَدْرِ" कहलाती है, जो कुरआन के 97वें सूरह का पहला आयत है। यह सूरह मक्की पीरियड में नाज़िल हुआ था और इसमें शबे-क़द्र (लैलतुल क़द्र) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
Inna Anzalna Surah in Hindi/आयत का अर्थ और महत्व:
The verse you're referring to is likely from the Quran, and it's often translated as "Indeed, We sent down (anzalna) the Qur'an in the Night of Decree." (Surah Al-Qadr, 97:1)
Here's the translation in Hindi:
"वाकई, हमने हुजूर का निर्णय रात की रात में उतारा है।" (सूरा अल-क़द्र, 97:1)
"इन्ना आंज़लना सूरह" का अनुवाद होता है, "हमने इसे लैलतुल क़द्र में उतारा है"। यह आयत शबे-क़द्र की महत्वपूर्णता को बताता है, जिसे कुरआन की रतन की रात में गिने जाने वाले दस रातों में से एक में माना जाता है। इस रात में कुरआन का पहला वाक्य नाज़िल हुआ था और यह रात आलम-ए-आख़िरत की घटनाओं की शुरुआत थी।
Inna Anzalna Surah ke Benefits/फ़ायदे:
शबे-क़द्र की रात को ख़ासी उच्च मान दिया गया है क्योंकि इस रात में कुरआन की पहली आयत नाज़िल हुई थी और इसे अल्लाह के अत्यंत बड़े रहमती होने की वजह से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रात में दुआएं मांगने, तोबा करने, और अल्लाह की ख़ुशी पाने का अद्वितीय मौका होता है। इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस रात को इबादत और दुआओं में बिताते हैं।