الدخان
ad-Dukhān
सूरह दुखान कुरआन के 44वें सूरह में है और इसमें 59 आयातें हैं। "दुखान" का अर्थ होता है "धुआँ" या "बादल"। यह सूरह मक्की पीरियड में नाजिल हुआ था और इसमें आसमानी चीजों के वाकियात द्वारा मनुष्यों के दिलों को मोहित किया गया है।मुख्य विषय:
सूरह दुखान में आसमानी चीजों के बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है, जैसे कि धुआँ, तारे, और अन्धेरे का वर्णन। इसके साथ ही, यहाँ पर अखिरत की तरक्की के लिए दुआ करने की महत्वपूर्णता भी बताई गई है। सूरह के आख़िरी हिस्से में आख़िरत में तोबा करने वालों के लिए अल्लाह की बड़ी बख़्शिश की भी बात की गई है।
Surah Dukhan in Hindi
Surah Dukhan ki fazilat/फ़ाज़िलत:
इस सूरह की फ़ाज़िलत में सबसे अद्भुत बात यह है कि यह सूरह शबे-क़द्र (लैलतुल क़द्र) के महीने में अधिक तरक्की और बरकत प्रदान करता है। इस सूरह को एक बार पढ़ने से सवाब का मामूला अहसास होता है, लेकिन अगर इसे बड़े श्रद्धा और इज़्ज़त के साथ पढ़ा जाए, तो इसकी फ़ायदे अत्यधिक होती हैं।
सूरह दुखान वाकई में एक अनमोल गहना है जो हमें दुनियावी और आख़िरती जीवन में मार्गदर्शन करता है। इसे न सिर्फ पढ़कर, बल्कि समझकर अपने दिल से अमल करने का प्रयास करें, ताकि हम इसके फ़ायदे को अपने जीवन में महसूस कर सकें।
Surah Dukhan 7 times Benefits/फ़ायदे:
- आत्मिक शुद्धि: सूरह दुखान के पाठ से हमारे मन और आत्मा की शुद्धि होती है, जो हमें आत्मिक शांति की ओर आग्रहण करती है।
- दुआ की कबूलियत: यह सूरह दुखान में प्रस्तुत वाकियात कई बार दुआ की कबूलियत की बात करती है, जिससे हम अपनी दुआएं करते समय और भी विश्वास और आत्मा के साथ कर सकते हैं।
- विजय और सफलता: सूरह दुखान उन लोगों के लिए भी फ़ायदेमंद है जो सफलता और विजय की ओर बढ़ना चाहते हैं।
- आख़िरत में बख़्शिश: इस सूरह में आख़िरत में तोबा करने वालों के लिए अल्लाह की बड़ी बख़्शिश की भी बात की गई है।